तानाशाही – आसान शब्दों में समझें

जब हम राजनीति की बात करते हैं, तो अक्सर तानाशाही और लोकतंत्र के बीच का अंतर सुनते हैं। तानाशाही मतलब है सत्ता के हाथों में एक या कुछ लोग बँधे रहना, और जनता की आवाज़ को ठीक‑ठाक नहीं माना जाता। आप ऐसे शासन में महसूस करेंगे कि आपके मत, आपके अधिकार, और आपका सवाल अक्सर दबा दिया जाता है।

तानाशाही की परिभाषा

आसान शब्दों में, तानाशाही वह है जहाँ शासक अपने फैसले बिना वोट या चर्चा के लागू कर देता है। यहाँ नियम‑कानून अक्सर शासक की इच्छा के अनुसार बदलते हैं, और न्यायप्रणाली भी उसी का दर्शन करती है। जब आप किसी भी मुद्दे पर बात करना चाहते हैं, तो सिविल सस्पेंशन, सेंसरशिप या डर की वजह से सीमित रह जाता है।

इतिहास में तानाशाही के प्रमुख उदाहरण

इतिहास में कई देशों ने तानाशाही देखी है। उदाहरण के लिए, 1930‑40 के दशक में जर्मनी में एड़ॉल्फ़ हिटलर ने नाज़ी तानाशाही स्थापित की। वो अपने विचारों को बंधक बनाने के लिए प्रचार, सिस्टर और विरोध को मार डालते थे। इसी तरह इटली में बेनिटो मुसोलिनी ने फासीवादी शासन चलाया, जहाँ लिबर्टी के मूल अधिकारों को दबाया गया।

भारत में भी कुछ समय के लिए तानाशाही के संकेत देखे गए। 1975‑77 के आपातकाल में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कई अधिकारों को रोक दिया, प्रेस को सेंसर किया और कई विरोधियों को जमानत से बाहर कर दिया। इस अवधि ने लोगों को बताया कि लोकतंत्र भी कब‑कभी सीमित हो सकता है।

आधुनिक समय में, उत्तर कोरिया, सीरिया और कुछ मध्य एशियाई देशों में सत्ता का एकाधिकार अभी भी है। वहाँ की जनसंख्या को सरकार की नज़र में सिर्फ़ एक संख्या माना जाता है, और सवाल पूछना या असहमत होना बहुत मुश्किल हो जाता है।

अब सवाल ये उठता है – तानाशाही क्यों बनती है? अक्सर यह आर्थिक अस्थिरता, सामाजिक तनाव या सुरक्षा के नाम पर शुरू होती है। सत्ता वाली पार्टी या व्यक्ति कहता है कि "हमारे पास सत्ता है, इसलिए हमें सभी फैसले अकेले करने चाहिए"। इससे जनता का भरोसा टूट जाता है।

आप सोच सकते हैं कि ऐसी स्थिति में क्या किया जाए? सबसे पहला कदम है जागरूकता बढ़ाना। अगर लोग यह समझें कि उनका अधिकार क्या है और कौन‑से नियम उन्हें रोक रहे हैं, तो वे एकजुट हो सकते हैं। दो‑तीन लोगों की आवाज़ कभी‑कभी बड़ी आवाज़ बन जाती है, जैसे 2011‑12 का भारत में अंधराया आंदोलन।

दूसरा, लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों को हमेशा याद रखें – चुनाव, स्वतंत्र प्रेस, न्यायपालिका की स्वतंत्रता। ये चीज़ें ही तानाशाही को रोक सकती हैं। अगर आप देख रहे हैं कि इन सिद्धांतों पर हमला हो रहा है, तो आवाज़ उठाना एक जिम्मेदारी बन जाती है।

अंत में, तानाशाही सिर्फ़ ऐतिहासिक घटना नहीं, बल्कि आज भी कई जगहों पर मौजूद है। इसे पहचानना, समझना और सक्रिय रहना ही एक स्वस्थ समाज की नींव है। आप भी अपने छोटे‑छोटे कदमों से बदलाव में योगदान दे सकते हैं – चाहे वो जानकारी शेयर करना हो, या वोट देना हो। याद रखें, अधिकार तभी ताकत बनते हैं जब हम उनका सही इस्तेमाल करे।

कलिकुट में आज एयर इंडिया की हवाई जहाज की दुर्घटना के कारण क्या था?

के द्वारा प्रकाशित किया गया अभिनव श्रीवास्तव    पर 27 जन॰ 2023    टिप्पणि(0)
कलिकुट में आज एयर इंडिया की हवाई जहाज की दुर्घटना के कारण क्या था?

कलिकुट में आज एयर इंडिया की हवाई जहाज की दुर्घटना का कारण राकेट और तानाशाही होती है। यह दुर्घटना जहाज को गति देते हुए कार्य करते समय घटित हुई थी। एयर इंडिया हवाई जहाज के स्ट्रॉप से अधिकारियों को दुर्घटना के कारण कुछ प्रकार के कारण पता नहीं चला।