क्रेडिट रेटिंग – समझें क्या है और क्यों जरूरी है
जब हम क्रेडिट रेटिंग, एक संस्थान या सिक्योरिटी की वित्तीय विश्वसनीयता को अंकित करने वाली प्रणाली, क्रेडिट स्कोर की बात करते हैं, तो इसका मूल उद्देश्य जोखिम को मापना होता है। ये रेटिंग उधारकर्ता की भुगतान क्षमता, ऋण इतिहास और बाजार माहौल को मिलाकर एक संख्यात्मक या अक्षरीय मान बनाती है। इससे निवेशक और बैंक दोनों को यह जल्दी समझ में आता है कि कोई कंपनी या बॉन्ड कितना भरोसेमंद है। यही कारण है कि हर वित्तीय निर्णय में क्रेडिट रेटिंग को नजरअंदाज़ नहीं किया जाता।
मुख्य एजेंसियां और उनका मूल्यांकन तरीका
भारत में CRISIL, एक प्रमुख क्रेडिट रेटिंग एजेंसी जो कंपनियों की वित्तीय स्थिरता को स्कोर देती है और ICRA, दूसरी प्रमुख एजेंसी जो समान मानकों पर रेटिंग जारी करती है सबसे ज्यादा सुनी जाती हैं। ये एजेंसियां कंपनी की बैलेंस शीट, नकदी प्रवाह, उद्योग की प्रतिस्पर्धा और मैनेजमेंट की गुणवत्ता को आंकती हैं। उनका मूल्यांकन सीधे तौर पर बैंकों की लोन मंजूरी और निवेशकों के पोर्टफोलियो चयन को प्रभावित करता है। इसलिए जब भी कोई नया प्रोजेक्ट या सार्वजनिक डेब्ट इश्यू सामने आता है, पहला सवाल अक्सर होता है – इस पर कौन सी रेटिंग एजेंसी ने क्या रेटिंग दी है?
उधारकर्ता का इतिहास भी इस प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाता है। उधारकर्ता, व्यक्ति या कंपनी जो पैसे उधार लेता है और चुकाने की जिम्मेदारी रखता है का भुगतान पैटर्न, मौजूदा कर्ज और करियर प्रोफ़ाइल सभी मिलकर उसका अंतर्निहित स्कोर बनाते हैं। यही स्कोर अक्सर ब्याज दरों के निर्धारण में इस्तेमाल होता है – बेहतर स्कोर = कम ब्याज दर।
जब बात बॉन्ड निवेश की आती है, तो रेटिंग और भी स्पष्ट हो जाती है। बॉन्ड, स्थिर आय वाला निवेश साधन जो जारीकर्ता की रेटिंग से जोखिम निर्धारित करता है का जोखिम स्तर सीधे रेटिंग ग्रेड से जुड़ा होता है। AAA ग्रेड वाले बॉन्ड को अक्सर ‘सुरक्षा का प्रतीक’ माना जाता है, जबकि BB या उससे नीचे के ग्रेड वाले बॉन्ड में डिफ़ॉल्ट की संभावना अधिक होती है। इससे निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में जोखिम और रिटर्न को संतुलित करने में मदद मिलती है।
अंत में, क्रेडिट रेटिंग सिर्फ एक अंक नहीं, बल्कि एक निर्णय‑निर्धारण उपकरण है जो वित्तीय बाजारों को पारदर्शी बनाता है। यह संस्थागत निवेशकों को उनके निवेश जोखिम को कम करने, लोन समझौते को सटीक बनाने और कंपनियों को बेहतर वित्तीय स्थितियों तक पहुंचाने में मदद करता है। नीचे आप पाएँगे कई लेख जो इस विषय के विभिन्न पहलुओं – रेटिंग की गणना, प्रमुख एजेंसियों की तुलना, बॉन्ड में रेटिंग का प्रभाव और व्यक्तिगत करेज़ स्कोर सुधारने के टिप्स – को गहराई से समझाते हैं।
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