भारतीय नागरिकता: कैसे मिले, क्या मिलते हैं अधिकार

भारत में रहना, वोट देना या पासपोर्ट माँगना है? इसका जवाब है भारतीय नागरिकता. अगर आप भारत में जन्मे हैं, भारतीय माता‑पिता से हैं या लंबे समय तक यहाँ रहे हैं, तो आप भी इस अधिकार का हिस्सा बन सकते हैं. इस पृष्ठ पर हम सरल भाषा में बताते हैं कि नागरिकता कैसे मिलती है, क्या‑क्या लाभ होते हैं और आवेदन में कौन‑कौन से काग़ज़ चाहिए.

नागरिकता के मुख्य प्रकार

भारत में चार तरीके से नागरिकता मिलती है – जन्म से, वंश से, पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) से और प्राकृतिककरण (नैचुरलाइजेशन) से. जन्म से नागरिकता का मतलब है कि आपको भारत में ही जन्म लेना होगा, या अगर आपके जन्म का समय 1987 से पहले है तो सिर्फ भारत में जन्म ही पर्याप्त है. वंश से नागरिकता तब मिलती है जब आपके पिता या माँ भारतीय हों, चाहे आप कहीं और पैदा हुए हों.

पंजीकरण के तहत वो लोग जो भारत में पढ़ रहे हैं, बीपीएल (भ्रातृत्व) से जुड़े हैं या भारतीय पति/पत्नी के साथ रह रहे हैं, वह आवेदन कर सकते हैं. प्राकृतिककरण का रास्ता उन विदेशियों के लिए है जो कम से कम पाँच साल तक भारत में रहे हैं, अच्छे चरित्र के हों और भारत के क़ानून का पालन करते हों.

आवेदन की आसान स्टेप‑बाय‑स्टेप गाइड

1. ऑनलाइन फॉर्म भरें – आप Ministry of Home Affairs की आधिकारिक साइट पर जाएँ और Citizenship Certificate फॉर्म चुनें. फॉर्म में आपका नाम, जन्म तिथि, पता और नागरिकता का प्रकार पूछेंगे.

2. दस्तावेज़ अपलोड करें – जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, वाणिज्यिक प्रमाण (जैसे स्कूल/कॉलेज की रजिस्ट्रेशन), पासपोर्ट साइज फ़ोटो, और रेजीडेन्शियल प्रूफ (उदाहरण: बिजली बिल या बैंक स्टेटमेंट) चाहिए. सभी फाइलें स्कैन करके PDF या JPEG में अपलोड करें.

3. फ़ी जमा करें – भुगतान गेटवे से ऑनलाइन ट्रांसफ़र करें. फीस प्रकार के अनुसार बदलती है, आमतौर पर 2500‑5000 रुपये के बीच.

4. फॉर्म भेजें और ट्रैक करें – सबमिशन के बाद एक रीफ़रेंस नंबर मिलेगा. आप इस नंबर से आवेदन की स्थिति देख सकते हैं.

5. साक्षात्कार (यदि आवश्यक हो) – कुछ मामलों में स्थानीय अधिकारी से मिलना पड़ता है. यहाँ वे आपका पता, पहचान और रहन‑सहन की जानकारी दोबारा जाँचते हैं.

6. प्रमाणपत्र प्राप्त करें – मंज़ूरी मिलने के बाद आप ऑनलाइन सर्टिफ़िकेट डाउनलोड कर सकते हैं या दफ़्तर से ड्राफ्टेड सर्टिफ़िकेट ले सकेंगे.

सभी प्रक्रिया 2‑6 महीने में पूरी हो सकती है, लेकिन यदि दस्तावेज़ गलत या अधूरे हैं तो समय बढ़ सकता है. इसलिए फॉर्म भरते समय दो‑तीन बार जाँच लेनी चाहिए.

जब आप भारतीय नागरिक बन जाते हैं, तो आपको वोट देने का अधिकार, सरकारी नौकरियों में आवेदन करने की सुविधा, विदेश यात्रा के लिए पासपोर्ट और कई सामाजिक योजनाओं में हिस्सा लेने का मौका मिलता है. साथ ही, आप भारत के कई विदेशियों के लिए आसान वीज़ा प्रावधानों का भी लाभ उठा सकते हैं.

ज्यादा पूछे जाने वाले सवाल: क्या दोहरी नागरिकता मिलती है? भारत दोहरी नागरिकता नहीं देता, इसलिए अगर आप किसी दूसरे देश की नागरिकता रखते हैं तो उसे छोड़ना पड़ सकता है. क्या नागरिकता मिलने के बाद मेरा नाम बदल सकता हूँ? हाँ, कोर्ट या सिद्धांत के तहत नाम बदलना संभव है, बस उचित दस्तावेज़ दिखाएँ.

अब जब आपको पूरी जानकारी मिल गई, तो देर न करें. अगर आप भारतीय नागरिकता चाहते हैं तो ऊपर बताई गई स्टेप्स फॉलो करें, दस्तावेज़ तैयार रखें और ऑनलाइन फॉर्म भरें. आपका नया अधिकार आपके भविष्य को और भी आसान बना देगा.

भारतीय नागरिकता के प्रमाण के रूप में कौन से दस्तावेज़ माने जाते हैं?

के द्वारा प्रकाशित किया गया अभिनव श्रीवास्तव    पर 28 जुल॰ 2023    टिप्पणि(0)
भारतीय नागरिकता के प्रमाण के रूप में कौन से दस्तावेज़ माने जाते हैं?

अरे, आपको पता है कि भारतीय नागरिकता के प्रमाण के लिए मान्य दस्तावेज़ कौन से होते हैं? अगर नहीं, तो बिलकुल चिंता मत कीजिए! तो चलिए शुरू करते हैं, प्रथम तो होता है आपका जन्म प्रमाण पत्र, जो आपके जन्म का सबसे प्रामाणिक दस्तावेज़ होता है। दूसरा होता है आधार कार्ड, जो आपकी पहचान और पते का प्रमाण होता है। तीसरा होता है PAN कार्ड, जिससे आपकी आयकर सूचना मिलती है। चौथा होता है वोटर ID, यह आपको वोट डालने की अनुमति देता है। और अंत में, पासपोर्ट जो आपकी अंतर्राष्ट्रीय यात्रा की अनुमति देता है। ये रहे वो पांच धाकड़ दस्तावेज़ जो हमें असली देशभक्त बनाते हैं! तो दोस्तों, अपने दस्तावेज़ सुरक्षित रखिए और अपनी नागरिकता का गर्व महसूस कीजिए। हर हर महादेव!